जब किसी को विभिन्न वस्तुओं को खरीदने की आवश्यकता होती है तो वह पूरे शहर में इधर-उधर गाड़ी चला सकता है और अपनी जरूरत की हर चीज खरीदने के लिए अलग-अलग दुकानों में जा सकता है। लेकिन अगर आप एक सुपरस्टोर में जाते हैं, जहां सभी सामान होते हैं, एक ही झटके में वह अपनी सभी खरीदारी की जरूरतों को पूरा कर सकता है, बिना किस्सी तरह की कठिनाइयों से गुजरे। कृष्णभावनामृत ऐसा ही है। ब्रह्मचारियों, गृहस्थों, वानप्रस्थों, और संन्यासियों के लिए जीवन के सिद्धांतों का सख्ती से पालन करने जैसी विभिन्न प्रकार की शुद्धिकरण गतिविधियों से आप जो लाभ और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, वे सभी केवल कृष्ण को आत्मसमर्पण करके प्राप्त किए जा सकते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस आश्रम में हैं, यदि आप पूरी तरह से कृष्ण के प्रतिनिधि, प्रामाणिक गुरु के आदेशों का कड़ाई से पालन करते हुए पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर देंगे, तो गुरु आपका मार्गदर्शन करेंगे कि कैसे जल्दी और आसानी से सर्वोच्च आध्यात्मिक पूर्णता प्राप्त करें।
इस सप्ताह के लिए कार्य
भगवद-गीता यथा रूप अध्याय 8, श्लोक 28 को ध्यान से पढ़ें और इस प्रश्न का उत्तर दें:
समझाएं कि कैसे एक झटके में कृष्णभावनामृत का अभ्यास करके आप जीवन के विभिन्न क्रमों के सभी अनुष्ठानों को पार कर सकते हैं और घर वापस, भगवद्धाम वापस जाने की सर्वोच्च पूर्णता प्राप्त कर सकते हैं।
अपना उत्तर ईमेल करें: hindi.sda@gmail.com
(कृपया पाठ संख्या, मूल प्रश्न और भगवद गीता अध्याय और श्लोक संख्या को अपने उत्तर के साथ अवश्य शामिल करें)