कृष्ण इतने अद्भुत हैं कि यदि आप उन्हें कभी न भूलने और हमेशा उन्हें याद करने के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित कर देते हैं, तो वे आपको कभी ना भूलकर प्रतिफल देंगे। ज़रा सोचिए कि यह कितना अच्छा होगा कि भगवान हमेशा आप में व्यक्तिगत रुचि रखते हैं। यह आपके लिए पूरी तरह से उपलब्ध है। आपको बस इतना करना है कि हर मिनट जीवन में अपना एकमात्र लक्ष्य कृष्ण के बारे में सोचना है और जो कुछ भी आप कहते और करते हैं, उससे कृष्ण की प्रसन्ता के लिए करे। इस कला को कृष्णभावनामृत कहा जाता है, और यह परम विज्ञान है। यह प्रामाणिक आध्यात्मिक गुरु के मार्गदर्शन में सीखा जाता है और इस पर महारत हासिल की जाती है।
इस सप्ताह के लिए कार्य
भगवद-गीता यथा रूप अध्याय 8, श्लोक 14 को ध्यान से पढ़ें और इस प्रश्न का उत्तर दें:
कृष्ण को कैसे प्राप्त करें?
अपना उत्तर ईमेल करें: hindi.sda@gmail.com
(कृपया पाठ संख्या, मूल प्रश्न और भगवद गीता अध्याय और श्लोक संख्या को अपने उत्तर के साथ अवश्य शामिल करें)