पाठ 173: प्रत्येक वस्तु को भगवान की ऊर्जा के रूप में देखने का लाभ

भगवद-गीता 7.4 में अपनी पूर्ण आस्था रखने से व्यक्ति हर चीज को ईश्वर की ऊर्जा के रूप में देखेगा। ऐसी दृष्टि उसके शाश्वत अस्तित्व को पूरी तरह से बदल देगी, क्योंकि जो हर चीज को भगवान की ऊर्जा के रूप में देखता है, वह स्वाभाविक रूप से हर चीज को भगवान की सेवा में उपयोग करता है। वह अपनी निजी संपत्ति के रूप में कुछ भी दावा नहीं करता है। ऐसा व्यक्ति एक मुक्त आत्मा के रूप में जाना जाता है, और उसकी संगति सबसे वांछनीय है। मैंने अपने गुरु, परम पूजनीय भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद में एक ऐसा व्यक्ति पाया। उनका पूर्ण आश्रय लेने से मेरा जीवन एक भयानक, दयनीय कठिन परिश्रम से परम आनंद, निडर शाश्वत उत्सव में पूरी तरह से बदल गया है।
इस सप्ताह के लिए कार्य

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भगवद-गीता यथा रूप अध्याय 7, श्लोक 4 को ध्यान से पढ़ें और इस प्रश्न का उत्तर दें:
इस श्लोक के संबंध में सब कुछ देखने से आपको क्या लाभ होगा?

अपना उत्तर ईमेल करें: hindi.sda@gmail.com

(कृपया पाठ संख्या, मूल प्रश्न और भगवद गीता अध्याय और श्लोक संख्या को अपने उत्तर के साथ अवश्य शामिल करें)